विक्टोरिया गोल्ड वाल पुट्टी
विवरण
- विक्टोरिया गोल्ड वाल पुद्टी व्हाईट सीमेन्ट आधारित एक महीन पाउडर है, जो कंक्रीट / सीमेन्ट से बनी हुई दीवारों तथा छतों को समतल और चीकनी सतह प्रदान करती है|
- यह पेटिंग के लिए अच्छी सतह तैयार करती है।
- यह सभी प्रकार के पेन्ट्स के लिए नमी रोधक और चिकनी सतह देत्ती है (नमी रोधक का तात्पर्य वायु में उपलब्ध नमी को रोकना है न कि पानी के प्रत्यक्ष सम्पर्क / लीकेज आदि से) |
- यह बाहरी एवं भीतरी दीवारों को आकर्षक स्वरूप प्रदान करती है|
- यह एक महीन पाउडर है जिसका इस्तेमाल निर्देशानुसार पानी के साथ मिलाकर भीतरी तथा बाहरी दीवारों के प्लास्टर की सतह को चिकना और चमकदार बनाने के लिए किया जाता है।
- इसका इस्तेमाल- कंक्रीट, प्लास्टरयुक्त दीवार (रेण्डड वाल), होलोब्लॉक्स तथा प्रिकास्ट वाल, कंक्रीट की छत, सिलिकेट केल्शियम ब्रिक्स तथा एरेटेड लाइट वेट ब्लॉक्स पर किया जा सकता है|
- इसका इस्तेमाल पेन्ट या सीमेन्ट के अतिरिक्त अन्य सामग्री से बनी प्लास्टर की सतहों पर नहीं किया जाना चाहिये।


सतह को तैयार करना
नई सतह- नई सतह को तैयार करने की आवश्यकता पड़ती है इसलिए गन्दगी तथा धूल-मिट्टी के कण आदि को पूरी तरह साफ कर लेना चाहिये | यदि दरारें, छिद्र तथा दूट-फूट हो तो उसकी मरम्मत कर लें | पुट्टी के इस्तेमाल से पूर्व सतह लगभग नमी की स्थिति में होनी चाहिए | पुरानी बिना पेन्ट की हुई सतह
- सभी मुक्त कणों, काई व फन्गस इत्यादि को सख्त बालों वाले स्टील ब्रश द्वारा साफ कर लेना चाहिये | पुट्टी इस्तेमाल करने से पूर्व सतह को पानी से तर कर लें।

सतह को पूर्ण रूप से मोटे तारों वाले ब्रश से रगड कर साफ कर लें ताकि पुरानी पेन्ट वाली सतह साफ हो जाये और सीमेन्ट प्लास्टर दिखायी देंने लगे | सतह को पानी से अच्छी तरह धोलें और पुट्टी लगाने से पूर्व सतह को तर कर दें |
खुरदरी सतहयदि सतह का प्लास्टर बहुत ज्यादा खुरदुरा है, तो पहले व्हाइट सीमेन्ट का मसाला लगाकर सतह को समतल बनालें | इस पर पुट्टी लगाने से पहले दो दिन तक इसकी तराई करें | पुट्टी चढ़ानें से पहले सतह लगभग-नम अवस्था में होनी चाहिऐ।
चिकनी सतहयदि सतह पर घुटाई की गई है जो कि बहुत ही चिकनी होती है, तो इस पर पुट्टी का लेप अच्छी तरह नहीं चिपकेगा। पुट्टी लगाने से पहले सतह को एमरी स्टोन्,सैण्ड पेपर या ग्राइन्डर से रगड़ना अच्छा रहेगा | पुट्टी लगाने से पहले सतह को लगभग तर कर लेना चाहिये।
स्कटिंग के ऊपर वाली दीवार पर (स्कर्टिंग से सटे हुए भाग से कम से कम एक फीट ऊपर के भाग तक) विशेष ध्यान देना चाहिये। फर्श एवं स्कर्टिंग की घिसाई के समय स््लरी निकलती है और यह दीवारों पर चिपक जाती है, यदि इसे अच्छी तरह से साफ नहीं किया जाता है तो इस पर चढ़ाई गई वाल पुट्टी ठीक से पकड़ नहीं करेगी एवं उखड़ जाने,/ठीक से न पकड़ पाने की संभावना बनी रहती है | स्कर्टिंग से एक फीट ऊपर की दीवार को वायर ब्रश से रगड़ कर तथा अच्छी तरह धोकर साफ कर लेना चाहिए ताकि स्कर्टिंग घिसाई के समय जो सलरी इस पर जम जाती है वह पूरी तरह हट जाये | दीवार के सूख जाने पर पुदूटी सामान्य तरीके से लगाई जा सकती है|
खारयुक्त पानी अथवा खारयुक्त रेत / ईंट के कारण पपड़ी निकलने की समस्या दिखाई दे तो विक्टोरिया गोल्ड वाल पुट्टी चढ़ाने से पहले प्लास्टर की सतह पर हल्के साईट्रिक एसिड का इस्तेमाल कर उपचारित कर लें। अन्यथा वाल पुट्टी दीवार पर नहीं चिपकेगी तथा पपड़ी की समस्या बनी रहेगी | प्लास्टर के सतह पर तीस-चालीस मिनट तक हल्के एसिड से उपचार के पश्चात् सतह को पानी से अच्छी तरह से धो कर साफ कर लें ताकि दीवार पर एसिड का अवशेष न बचा रहे | अच्छी तरह सूख जाने पर इस पर सामान्य तरीके से वाल पुट्टी लगाई जा सकती है। यह उपचार उचित देखरेख में किया जाना चाहिए।
नम अवस्था प्राप्त करने के लिये मुलायम ब्रश की सहायता से पानी की एक परत लगाई जा सकती है |
यदि दीवार सूर्य के सम्मुख परती हो तो सतह से गर्मी दूर करने के लिए ज्यादा पानी का छिरकाब किया जा सकता है तथा इसके पश्च्चात दीवार को नम अवस्था में लाया जा सकता है |
विक्टोरिया गोल्ड वॉल पुट्टी का मसाला तैयार करना

- आवश्यकतानुसार विक्टोरिया गोल्ड वॉल पुद्टी एक पात्र में लें ।
- अच्छा घोल बनाने के लिए लगभग 35-40% (आयतन के अनुसार) पानी की आवश्यकता होगी |
- आवश्यक पानी का आधा भाग इसमें मिला लें |
- घोल को फेंटें,/ मिक्स करें और कुछ समय प्रतीक्षा करें |
- अपेक्षित घनापन लाने के लिए पानी की शेष मात्रा मिक्स करें |
- बिना दानेदार अच्छा घोल तैयार करने के लिए दिखाई गई विधि से इसे 5-40 मिनट तक अच्छी तरह मिलाये |
- उतना ही मसाला तैयार करें जो तैयार करने के लगभग दो घंटो में पूरा इस्तेमाल किया जा सके |
- मिश्रण हाथ से अथवा उपयुक्त विद्युत मिक्सर से तैयार किया जा सकता है।
बाज क्षमता | फैलाव की क्षमता
हमारा प्रस्ताव
- विक्टोरिया गोल्ड वॉल पुदटूटी की अधिकतम दो तह (परतें) |
- पहली कोट (परत) की अधिकतम मोटाई 4.5 मि.मी. |
- दूसरी कोट (परत) की अधिकतम मोटाई 4.00 मि.मी. |
- अधिकतम अनुमानित फैलाव 32-% वर्गफीट / मि.मी. प्रतिकिग्रा |
- उपर्युक्त मोटाई, का फैलाव लगभग 43-46 वर्गफीट प्रतिकिग्रा, वैसे वास्तविक आवरण क्षमता सतह की स्थिति जिस पर पुद्टी लगाना है या उसकी मोटाई पर निर्भर करती है।
उपयोग

- यह सुनिश्चित कर लें कि सतह प्लास्टर युक्त हो अथवा सीमेन्ट सामग्री से बनी हुई हो।
- यह जॉच लें कि सतह पूर्णतया साफ हो |
- यह सुनिश्चित कर लें कि सतह हल्की सी खुरदरी हो (न तो बहुत अधिक खुरदरी और न बहुत अधिक चिकनी | * यह सुनिश्चित कर लें कि सतह लगभग-नम हो | अधिक नम होकर सतह पर पानी एकत्रित न होने पाये |
- पहला कोट लगायें।
- स्पैचुला / ब्लेड / ट्रोवेल को दीवार पर “नीचे से ऊपर” की दिशा में इस्तेमाल करे |
- दूसरा कोट पहले कोट के बाद गर्मी के मौसम में 4 घंटे के पश्चात् एवं सर्दी के मौसम में 42 घंटे के पश्चात् लगाये | पहली परत के निशान को समतल करते हुए, यदि कोई हो, समानान्तर पुट्टी की दूसरी परत लगायें ।
- पुट्टी के पेस्ट को यदि 30 मिनट तक बिना हिलाये डुलाये छोड़ दिया गया हो तो इस एक मिनट तक अच्छी तरह मिलालें |
- पुट्टी लगाने के बाद 3 दिन तक इस सूखने के लिए छोड़ दें तत्पश्चात् लगाने के दौरान यदि कोई निशान रह गया हों तो निशानों को फाइन एमरी पेपर की सहायता से हटा दें। अथवा
- दूसरी परत लगाने के आधा घंटे पश्चात् ट्रोवल की सहायता से समतल किया जा सकता है|
- पुट्टी करने के 4 अथवा अधिक दिनों के बाद पेन्ट किया जा सकता है परन्तु यह सुनिश्चित कर लें कि पेन्ट करने से पहले पुट्टी पूरी तरह से सूख गई है।
- पुट्टी लगाने का काम पूरा हो जाने पर औजारों को साफ पानी से तुरन्त धो देना चाहियें |

- यद्यपि विक्टोरिया गोल्ड वॉल पुट्टी में कोई हानिकारक पदार्थ का मिश्रण नहीं है, फिर भी घोल बनाते समय रबर दस्ताने का प्रयोग करें|
- पुट्टी पाउडर को मिलाते समय अथवा इसके निशानों को फाइन इमरी पेपर से मिटाने के दौरान सॉस में धूल कण जाने का डर रहता है जिससे बचाव के लिए नाक पर मास्क लगावें।
- इस उत्पादन को बच्चों की पहुँच से दूर रखें ।
- एक बार पुट्टी पेस्ट के सख्त हो जाने पर इसमें पानी मिला कर दुबारा इस्तेमाल न करें |
विक्टोरिया गोल्ड वाल पुट्टी की विशेषताएं

- विक्टोरिया गोल्ड वाल पुट्टी में किसी प्रकार का रंग, / “स्टेनर नहीं मिलाया जाना चाहिये |
- पेन्टेड सतह की गुणवता बिना पेन्ट की हुई सतह पर निर्भर करती है। विक्टोरिया गोल्ड वाल पुट्टी पेन्ट के उपयोग के लिये आदर्श सतह प्रदान करती है।
- विक्टोरिया गोल्ड वाल पुट्टी पर प्राईमर लगाकर या बिना प्राईमर लगाये पेन्ट किया जा सकता है | वैसे किमती पेन्ट के साथ प्राइमर लगाने से लागत्त मे कमी आती है।
- एकदम सफेद तथा चिकनी सतह को बिना पेन्ट किये भी छोड़ा जा सकता है।
- विक्टोरिया गोल्ड वाल पुदूटी की लाईफ, उसके नीचे किये हुए ग्रे-सीमेन्ट प्लास्टर की लाईफ के बराबर होती है।
- यह दीवार को काई तथा फंगस से बचाती है|
- इस पर किसी भी किस्म का डिसटेम्पर सीधा किया जा सकता है|
- टेक्स्चर फिनिश टेक्स्चर औजारों से प्राप्त किया जा सकता है।
- जैसा कि अन्य प्रचलित, चाक मिट्टी आधारित पुट्टी पर प्राईमर लगाने की आवश्यकता होती है, परन्तु विक्टोरिया गोल्ड वाल पुद्टी लगाने से पहले किसी भी प्राईमर के इस्तेमाल की आवश्यकता नहीं है | इससे लागत में कमी आती है।
समस्या : दाग / धब्बे रंग का खराब होना
कारण:
- अधिक समय तक अन्दर से पानी के रिसने के कारण पाईप लाईन के रिसने, टायलेट ट्रैप के टूटे जाने, / दोषपूर्ण सिस्टर्न आदि |
- रिसा हुआ पानी ईटों में मौजूद घुलनशील पदार्थ के साथ मिल कर प्लास्टर के साथ क्रिया करता है तथा दूसरे चरण में पुट्टी के साथ क्रिया करता है| परिणाम स्वरुप छोटे-छोटे बुलबुले बन जाते है, जो पुट्टी की पकड़ को कमजोर तथा रंग को खराब कर देते है। समाधान:
- सबसे पहले दीवार के अन्दर / दीवार पर मौजूद दोषपूर्ण / “पानी के रिसाव को ठीक करें |
- दीवार की मरम्मत सफेद सीमेन्ट के मसाले से करें तथा और दरारों को भर दे |
- इसके बाद विक्टोरिया गोल्ड वाल पुट्टी का प्रयोग निर्देशानुसार लगाने का काम करें |
समस्या: बुलबुलों का पपड़ी बनकर टूटना
कारण:
- इसका कारण गलत तरीके से पुट्टी का प्रयोग है। जब हम वाल पुट्टी की पहली परत लगाने के बाद काम को जल्दी निपटाने हेतु दूसरी परत जल्दी कर देते है, जिसके परिणाम स्वरुप पुट्टी बुलबुले बनकर उखड़ने लगती है।
- पुट्टी की त्ताजा लगायी गई पहली परत पर्याप्त मात्रा में जल धारण किये रह्चत्ती है जिसकी वजह से दूसरे कोट के पानी को नहीं सोखती | जो कि मजबूत पकड़ के लिए आवश्यकता है | दोनो परतों के बीच ज्यादा पानी मौजूद होने के कारण पकड़ कमजोर हो जाती है। समाधान:
- एक परत से दूसरी परत लगाने के बीच मौसम के अनुसार समय का ध्यान रखें |
- गरम मौसम में लगभग 4 अथवा अधिक घंटो का अन्तराल
- ठंडे मौसम में लगभग 42 अथवा अधिक घंटो का अन्तराल
- इस बात की अच्छी तरह जॉच करलें कि दूसरी परत चढ़ाने से पहले परत लगभग-सूख गई है अथवा लगभग-नम है |

समस्या: बड़ी/गहरी दरारें
कारण:- ये दरारें वॉल पुद्टी लगाने के कुछ महीनों के बाद नजर आती है।
- यदि हम दरार में तार डालकर देंखे तो उसकी गहराई 3 मि.मी. से 20 मिमी. |. हट 5 है तक हो सकती है| जिससे यह स्पष्ट है कि स्ट्रक्चर में दरार गलत तरीके से श्र निर्माण के कारण है न कि पुटूटी के कारण | समाधान:
- पहले स्ट्रक्चर के दरार की मरम्मत करें इसके पश्चात पुट्टी पहले दरारों की मरम्मत ढाचें के अंदर तक करें तदोपरान्त पुट्टी को निर्देशानुसार लगायें |
समस्या: उपरी/बाहरी सतह की दरारें
कारण:- ये दरारें ईटों के आकार के अनुसार वॉल पुट्टी के पूर्णतया सूख जाने पर और पुट्टी लगने के लगभग 20 से 25 दिन के बाद दिखाई देती है।
- इन दरारों के बीच में वस्तुत: कोई खाली स्थान नहीं होता परन्तु नंगी आँखों से दिखाई देती है।
- ये स्थानरहित दरारें, ईटों एवं मसालों के बीच सिकुड़न के कारण पर जाती है। समाधान:
- नया कार्य करते समय ईटों तथा मसाले की गुणवत्ता का ध्यान रखें |
- खासकर गरमी के मौसम में सतह (बाहरी दीवाल) के उपर आवश्यकता अनुसार पानी का छिड़काव करें जिससे महीन दरारें आने की सम्भावना कम रहती है |
- जो कार्य पहले से किया जा चुका है, उसपर पेंटिंग से दरारों को कुछ हद तक ठीक किया जा सकता है।
